बरसाती-गंदी-नाली के कीड़े वो जन कहलाते हैं.
जो जीवनभर कठिन कार्य कर जीवन कठिन बिताते हैं.
मेहनत-मजदूरी है पेशा वे असली श्रमशक्ति के दूत.
कार्य कुशलता दिखती उनमे वे भारत के असली पूत.
भले नहीं हों पढ़े-लिखे पर वे रखते सामाजिक ज्ञान.
मेहनत-मजदूरी करके वे रखते हैं परिवार का ध्यान.
श्रद्धा से मस्तक झुक जाता जब भी देखूं उनका काम.
दुःख होता सुन कठिन परिश्रम का मिलता उनको कम दाम.
पढ़े-लिखों से विनती 'शिशु' की उनका भी रखो सब ध्यान,
उनके बारे में भी सोचो, उनका सभी करो सम्मान...
उनका सभी करो सम्मान...
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