Wednesday, June 16, 2010

जीवन-मरण, भाग्य और कर्म,सब कुछ उसके हाथ...

जीवन-मरण, भाग्य और कर्म,
सब कुछ उसके हाथ.
शोर-शराबा मत कर बन्दे,
क्या जायेगा साथ.


गीता में भगवान कृष्ण ने
अर्जुन को उपदेश दिया
एंडरसन का था कुछ दोष,
अब अर्जुन ने सन्देश दिया.





युद्ध भूमि में ज्ञान बांटकर
कृष्ण हुए थे और महान.
अर्जुन सिंह का उसी तरह ही
कांग्रेस में बढ़ गया है मान

कौरव दल भाजपा बनी अब
शकुनी बन मीडिया है आई,
कितने मरे अपाहिज कितने
ख़बरे रोज-रोज दिखलाई.

सीसे के घर जिनके ज़ानी
वो भी पत्थर फेंक रहे
इस भयभीत कांड पर देखो
रोटी सब दल सेंक रहे

मंदिर-मस्जिद के मुद्दे पर
मरने वाले हुए शहीद
दंगे जिसने भी करवाए
वो गा रहे गैस के गीत

मनमोहन जी ने फरमाया
गीता लिख मुझको दिखलाओ
पन्दरह दिन का समय मिला है
मंत्री जी सच-सच बतलाओ


'शिशु' ने देखी जिस दिन से
ये तस्वीर निराली सी
रात-रात ना सोया तब से
बीतीं रातें काली सी

4 comments:

  1. आप की इस रचना को शुक्रवार, 18/6/2010 के चर्चा मंच पर सजाया गया है.

    http://charchamanch.blogspot.com

    आभार

    अनामिका

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  2. kuchh aur log aap jaisa sochne wale ho jayein to Bharat ka bhavishya sudhar sakta hai.

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