हमें शांति भाईचारा से प्यार है
उन्हें इस पर एतराज है
हमें गीत, संगीत से लगाव है
उन्हें इससे अलगाव है
हमें अहिंसा, सत्य पर विश्वास है
उन्हें इस पर नहीं आस है
हमें अँधेरे, अत्याचार से इनकार है
वो मारामारी पर तैयार हैं.
हम हमेशा बातचीत के लिए तैयार हैं
वो करने लगते तकरार हैं.
हमें तो बस यही अंतर नज़र आता है
वर्ना रिश्ता निभाने में हमारा क्या जाता है.
khoobsurat ahsas
ReplyDeleteबहुत अच्छा लिखा, विचार भी अच्छे हैं, परन्तु हर कोई समझदार नहीं होता, इसलिये यह नहीं समझ सका आपका इशारा किधर है, फिर भी अच्छा लिखने पर मेरी ओर से मुबारकबाद
ReplyDeleteकल्कि व अंतिम अवतार मुहम्मद सल्ल.
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अल्लाह के चैलेंज
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बहुत सही और सकारात्मक अभिव्यक्ति है उनको भी समझ आ जायेगी कि यही सत्य है आभार्
ReplyDeleteसही कह रहे हैं..शायद कभी समझें.
ReplyDeleteबहुत खूब लिखा है
ReplyDeleteमेरी कलम - मेरी अभिव्यक्ति