नज़र नज़र का फेर
Friday, January 23, 2009
छूट! डिस्काउंट के नाम पर लूट।
छूट!
डिस्काउंट के नाम पर लूट।
दम!
ताक़तवर हैं हम।
ग़म!
आंख हुई नम।
धूप!
बदले लड़की का रंगरूप।
निशानी
बाद में याद दिलाये, बीती हुई कहानी।
नेता!
हरदम लेता। कभी नहीं कुछ देता।
सरकारी चपरासी!
अफ़सर से ज्यादा लेता घूस में राशि ।
2 comments:
संगीता पुरी
January 24, 2009 at 5:58 AM
सही है....
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Udan Tashtari
January 24, 2009 at 8:14 AM
बहुत सही.
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सही है....
ReplyDeleteबहुत सही.
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