नए ज़माने का चैनल है ऐसा सुना प्रचार,
कार्यक्रम आते कम पर उससे अधिक प्रचार,
पर उससे अधिक प्रचार स्वयं की करें बढ़ाई,
पब्लिक है कनफूज है किसमे कितनी सच्चाई,
'शिशु' कहें आजकल के रेडियो हो या टीवी,
नए ज़माने का चैनल ही देखे कलुआ की बीबी।
ख़बर सुनाई हमने पहले लगी आजकल होड़,
खबरी चैनल कर रहे है आपस में घुडदौड़
आपस में घुड़दौड़ कहें सत्य को झूठ, झूठ को सत्य
खबर दिखाते हैं मनमानी जो होती बिन तथ्य
'शिशु' कहें पब्लिक भी तो है आजकल की बड़ी सयानी
ख़बर सुनाने वालों की करती पब्लिक भी खीचातानी।
वाह बहुत बडिया व्यंग है शुभकामनायें
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