अमन हो
आज़ादी हो सुकून हो
शाबादी हो
ये कविता एक पाकिस्तानी बच्चे की जुबान है
मुझे इस वर्ष यह सुनकर उस बच्चे पर अभिमान है !
लडाई झगडा दूर हो जाए
दुनिया खुशियों से भर जाए
अमन फिर लौट आए
अगर 'शिशु' नव वर्ष का पैगाम दें
तो थोडी हे देर में दुनिया संवार दें।
क्यूंकि बीता वर्ष आतंकवाद के लिए जाना जाएगा
मुंबई में शहीद हुए देशभक्तों के लिए पहचाना जाएगा
अपनी बात नही करते 'शिशु'
पुरा विश्व इस वर्ष खुशियों के लिए माना जायेगा
नया साल 2009 आप सभी के लिए
ReplyDeleteसुखदायक
धनवर्धक
स्वास्थ्वर्धक
मंगलमय
और प्रगतिशील हो
यही हमारी भगवान से प्रार्थना है
Regard
नये साल की शुभकामनाएँ
ReplyDelete---
विनय प्रजापति