नौ दिन की है नौकरी, नौ महीने का काम,
नौ-नौ लोग लगे करने में ख़त्म न होता काम!
नए लोग आते गए, क्या अधिक मिलेगा दाम?
ऐसा मान काम पर लग गए, हैं पाले अरमान!
गए छोड़कर जो सभी उनका काम कमाल,
एक-आध को छोड़कर उनका नही मलाल!
नही मिला पैसा अगर तो क्या होगा हाल
छोड़ गए कुछ लोग हैं फाड़ के मकडी जाल,
उन्हें काम मिल जाएगा जो हैं हट्टे-कट्टे
हम जैसों का होगा क्या? हम हैं बहुत निखट्टे
यही सोंचकर आजकल आती नींद न रात
झूठ 'शिशु' कहता नही कहता सच्ची बात
वाह-वाह जी, वाह-वाह जी!
ReplyDelete